— दिनेश ठाकुर
अमरीका में राष्ट्रपति चुनाव ( US President Election ) की सरगरमियों के बीच रविवार को जारी की गई टीवी सीरीज ‘द कॉमी रूल’ ( The Comey Rule ) खासी सुर्खियां बटोर रही है। इसने एक तरफ अमरीका में सियासी पारा चढ़ा दिया है तो दूसरी तरफ वहां की रोमांच और सनसनी प्रेमी आबादी को जुगाली का भरपूर मसाला दे दिया है। हॉलीवुड फिल्मकार बिली रे की यह सीरीज संघीय जांच ब्यूरो (एफबीआई) के पूर्व निदेशक जेम्स कॉमी की किताब ‘ए हायर लॉयल्टी’ पर आधारित है। दिलचस्प बात यह है कि दो भाग वाली इस सीरीज में पिछले चुनाव (2016) के ऐसे घटनाक्रम का खुलासा किया गया है, जिसने तब डोनाल्ड ट्रंप ( Donald Trump ) की जीत आसान कर दी थी, लेकिन अब इससे उनकी और रिपब्लिक पार्टी की परेशानियां बढ़ सकती हैं।
सीरीज में ब्रेंडन ग्लीसन ने डोनाल्ड ट्रंप और जैफ डेनियल्स ने जेम्स कॉमी का किरदार अदा किया है। अदाकारी में ग्लीसन बाजी मार ले गए हैं। ट्रंप के बोलने के अंदाज, हाव-भाव और अंग-संचालन को उन्होंने हू-ब-हू तो नहीं, काफी हद तक सही पकड़ा है। ‘द कॉमी रूल’ में दिखाया गया है कि किस तरह 2016 के चुनाव से कुछ हफ्तों पहले उस समय के एफबीआई निदेशक जेम्स कॉमी ने डेमोक्रेटिक प्रत्याशी हिलेरी क्लिंटन के ई-मेल की जांच शुरू की थी। आरोप था कि सचिव रहते हिलेरी ने अधिकृत सूचनाएं भेजने के लिए निजी सर्वर का इस्तेमाल किया। लम्बी जांच के बाद एफबीआई के हाथ तो कुछ नहीं लगा, शक के दायरे में आईं हिलेरी के हाथ से जीत फिसल गई। प्रचार के दौरान ट्रंप अपने भाषणों में उनके खिलाफ ‘चालबाज महिला’ और ‘इसे गिरफ्तार करो’ जैसे जुमले उछालते रहे।
अमरीका में अक्सर राष्ट्रपति चुनाव के दौरान इस तरह के विवादों और घोटालों के खुलासे होते रहे हैं। इस बार विवादों का आगाज जून में हो गया था, जब दो नई किताबों ने डोनाल्ड ट्रंप के माथे पर बल बढ़ा दिए थे। इनमें से एक किताब ‘द रूम व्हेयर इट हैपेन्ड’ पूर्व राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकार जॉन बॉल्टन ने लिखी है। ट्रंप ने दोनों किताबों पर रोक के लिए एड़ी-चोटी का जोर लगाया। बॉल्टन ने अदालती लड़ाई जीतकर किताब जारी करवाई तो बाद में ट्रंप की भतीजी (सौतेले भाई की पुत्री) मैरी ट्रंप की किताब ‘टू मच एंड नेवर एनफ : हाउ माई फैमिली क्रिएटेड द वल्ड्र्स मोस्ट डैंजरस मैन’ भी बाजार में आ गई। बॉल्टन की किताब में कई हवाले देकर बताया गया है कि ट्रंप चुनाव जीतने के लिए कई देशों के नेताओं से मदद मांगते रहे हैं। मैरी ट्रंप की किताब के नाम से ही जाहिर है कि इसमें ट्रंप को ‘दुनिया का सबसे खतरनाक आदमी’ बताया गया है। इसमें ऐसे प्रसंगों का भी जिक्र है कि ट्रंप ईमानदारी से टैक्स भरने को ‘फालतू की कवायद’ मानते हैं।
भारत में पिछले लोकसभा चुनाव के दौरान प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ( PM Narendra Modi ) की बायोपिक (इसमें विवेक ओबेरॉय ने मोदी का किरदार अदा किया) के प्रदर्शन पर चुनाव आयोग ने मतदान पूरा होने तक रोक लगा दी थी। अमरीका में इस तरह की रोक का कोई खटका नहीं है। वहां राष्ट्रपति चुनाव तीन नवम्बर को हैं। इससे पहले कुछ और खुलासे सनसनी फैला सकते हैं। नूर नारवी का शेर है- ‘उनसे सब हाल दगाबाज कहे देते हैं/ मेरे हमराज मेरा राज कहे देते हैं।’ अमरीका में इन दिनों राज खोलने का मौसम है।