नई दिल्ली। सदी के महानायक अमिताभ बच्चन आज अपना 78वां जन्मदिन ( Amitabh Bachchan Birthday ) मना रहे हैं। अभिनेता ने अपने शानदार फिल्मी करियर में कई दमदार फिल्में की हैं, लेकिन बिग बी की फिल्म ‘कुली’ उनके लिए सबसे ज्यादा यादगार रहेगी। इस फिल्म से जुड़ा एक किस्सा सालों बाद भी खूब चर्चा में रहता है। कुली ही वही फिल्म थी जिसकी शूटिंग के दौरान वह मौत के मुंह में चले गए थे लेकिन उनके आत्मविश्वास की वजह से उन्होंने जिंदगी और मौत की जंग भी जीत ली थी। उस दौरान पूरा देश उनकी सलामती की दुआ मांग रहा था। चलिए आपको बताते हैं पूरा किस्सा।
26 जुलाई 1982 में मशहूर निर्देशक मनमोहन देसाई की फिल्म कुली की शूटिगं की जा रही थी। एक सीन के दौरान अमिताभ संग एक्सीडेंट हो गया था और उस दिन के बाद से अभिनेता पुनीत इस्सर हमेशा के लिए लोगों के लिए रियल विलन बन गए। दरअसल हुआ कुछ यूं कि सीन के दौरान पुनीत इस्सर और अमिताभ बच्चन के एक फाइट सीन चल रहा था। सीन में पुनीत को अमिताभ को उछलना था, लेकिन अचानक से उनकी जंप की टाइमिंग डगमगा गई और बिग का पेट सामने रखी टेबल की नोक में जा लगा। चोट लगने के बाद बिग बी के पेट से ना ही खून लगा और ना ही उन्होंने किसी तरह का दर्द हुआ।
इस हादसे के बाद मनमोहन देसाई ने शूटिंग को रोका और अमिताभ अपने होटल वापस चले गए। कुछ समय बाद उनकी पेट की चोट उनके लिए तकलीफ बनती चली गई। कुछ घंटों बाद अमिताभ की हालत बद से बदत्तर हो गई और उन्हें अस्पताल में भर्ती कराना पड़ा। उन्होंने बैंगलोर के सेंट फिलोमेनाज़ में एडमिट करवाया गया। जहां उन्हें बिग बी को कोई आराम नहीं मिला और इमरजेंसी में उन्हें तुरंत मुंबई लाया गया और ब्रीच कैंडी हॉस्पिटल में भर्ती कराया गया।
शूट में चोट लगने पर अमिताभ के शरीर से एक बूंद खून तक नहीं निकला था, लेकिन जब डॉक्टर्स ने उनके पेट का ऑपरेशन किया तो सभी उनकी हालत देखकर हैरान रह गए। एक इंटरव्यू के दौरान अमिताभ बच्चन ने खुद बताया था कि उनकी दो सर्जरी हुई थीं। बावजूद इसके उनके शरीर में किसी भी तरह इंप्रूवमेंट नहीं आ रही थी। ऐसा लगा रहा था कि दवा ने भी उनके शरीर पर काम करना छोड़ दिया था। उन्होंने बताया कि उनकी हालत तक अस्पताल के डॉक्टर्स ने भी उन्हें लगभग डेड मान ही लिया था।
24 September 1982 Amitabh Bachchan return home from the hospital after the fatal accident on the set of Coolie & today after 37 years also 24 September 2019,Amit ji awarded with the #DadaSahebPhalkeAward
Love and respect
pic.twitter.com/tjIGQXzPk9— Moses Sapir (@MosesSapir) September 24, 2019
इस खबर ने लोगों के होश उड़ा दिए थे। अमिताभ की सलामती के लिए उनके अस्पताल के बाहर सैकड़ों लोगों की संख्या की भीड़ देखने को मिलती थी। जो उनके जल्द से जल्द स्वस्थ होने की कामना करते थे। शायद उन दआओं का ही असर था कि बिग बी ने होश में आ गए। वह ठीक होकर 2 महीने बाद अपने घर वापस लौटे 24 सिंतबर 1982 को जब अभिनेता घर पहुंचे, तो उनके पिता डॉ.हरिवंश राय बच्चन अपनी आंखों में आंसू लिए उन्हें देखते रहे और बिग बी झट से उनके गले लिपट गए। बेटे के गले लगते ही वह खुद को रोक नहीं पाए और रोने लगे। ऊपर दी गई वीडियो में आप देख सकते हैं कि कैसे अमिताभ अपने पिता के गले लग जाते हैं। उनकी मां भी उन्हें चुमते हुए उनका स्वागत करती हैं। अमिताभ अपनी बेटे और बेटी को भी गले लगते हुए दिखाई दे रहे हैं।
33 सालों बाद अमिताभ बच्चन ने इस घटना का एक बार फिस से जिक्र किया। जिसमें उन्होने लिखा कि “2 अगस्त, 1982 को ब्रीच कैंडी हॉस्पिटल में मेरे जीवन पर छाए बादल और गहरा गए। मैं जीवन और मृत्यु के बीच झूल रहा था। कुछ ही दिनों के भीतर हुई दूसरी सर्जरी के बाद मैं लंबे समय तक होश में नहीं आया। जया को आईसीयू में ये कहकर भेजा गया कि इससे पहले कि उनकी मौत हो जाए अपने पति से आखिरी बार मिल लो। लेकिन डॉक्टर उदवाडिया ने एक आखिरी कोशिश की। उन्होंने एक के बाद एक कई कॉर्टिसन इंजेक्शन लगाए। इसके बाद मानो कोई चमत्कार हो गया, मेरे पैर का अंगूठा हिला। ये चीज़ सबसे पहले जया ने देखी और चिल्लाईं- ‘देखो, वो ज़िंदा हैं’।”