हाल ही में केंद्र सरकार ने कारों में 6 एयरबैग्स को अनिवार्य नहीं करने का फैसला किया था। इस फैसले से कई कंपनियों ने राहत की सांस ली थी, क्योंकि इससे गाड़ियों की कीमतों में वृद्धि हो सकती थी। लेकिन अब ऐसा लगता है कि कंपनियां खुद से ही कारों में अधिक से अधिक सुरक्षा फीचर्स देने की दिशा में आगे बढ़ रही हैं।
इस कड़ी में मंगलवार को हुंडई ने ऐलान किया कि भारत में बिकने वाली उसकी सभी गाड़ियों में 6 एयरबैग्स स्टैंडर्ड दिए जाएंगे। इसके साथ ही कंपनी ने यह भी बताया कि उसकी मिड लेवल सिडैन ‘वरना’ को ग्लोबल एनकैप (GNCAP) के टेस्ट में 5 स्टार सेफ्टी रेटिंग मिली है।
हुंडई इंडिया के चीफ ऑपरेटिंग ऑफिसर तरुण गर्ग ने बताया कि कंपनी सेफ्टी को लेकर काफी काम कर रही है। उन्होंने कहा कि कंपनी ने भारत एनकैप (BNCAP) के लिए अपनी तीन कारों को भेजने का फैसला किया है। उन्होंने कहा कि सभी सीटों के लिए 3 पॉइंट सीट बेल्ट और सीट बेल्ट रिमाइंड को भी स्टैंडर्ड किया गया है। टायर प्रेशर मॉनिटरिंग सिस्टम और ADAS जैसे हाइएंड फीचर्स का भी दायरा बढ़ाया गया है।
हुंडई का यह फैसला भारतीय बाजार में कारों की सुरक्षा के लिए एक महत्वपूर्ण कदम है। इससे भारतीय सड़कों पर दुर्घटनाओं में होने वाली मौतों और चोटों में कमी आने की उम्मीद है।
कंपनियों के बीच होड़
हुंडई के इस फैसले के बाद अन्य कंपनियों के भी कारों में 6 एयरबैग्स को स्टैंडर्ड बनाने की संभावना है। इससे भारतीय बाजार में कारों की सुरक्षा के स्तर में और सुधार होने की उम्मीद है।
दरअसल, सरकार द्वारा कारों में 6 एयरबैग्स को अनिवार्य नहीं करने के फैसले के बाद कई कंपनियों ने राहत की सांस ली थी। लेकिन अब ऐसा लगता है कि कंपनियां खुद से ही कारों में अधिक से अधिक सुरक्षा फीचर्स देने की दिशा में आगे बढ़ रही हैं। इससे भारतीय बाजार में कारों की सुरक्षा के स्तर में और सुधार होने की संभावना है।
भारतीय सड़कों पर सुरक्षा की स्थिति
भारत में हर साल सड़क दुर्घटनाओं में करीब 1.5 लाख लोग मारे जाते हैं और लाखों लोग घायल होते हैं। इन दुर्घटनाओं का एक प्रमुख कारण कारों में सुरक्षा फीचर्स की कमी है।
पिछले कुछ वर्षों में भारत सरकार ने सड़क सुरक्षा को लेकर कई कदम उठाए हैं। इनमें वाहन सुरक्षा मानकों को कड़ा करना और सड़क यातायात नियमों को सख्ती से लागू करवाना शामिल है।
हालांकि, अभी भी बहुत कुछ किया जाना बाकी है। भारतीय सड़कों पर कारों में सुरक्षा फीचर्स के स्तर में सुधार लाने के लिए सरकार और कंपनियों दोनों को मिलकर काम करना होगा।
हुंडई के फैसले का प्रभाव
हुंडई के इस फैसले का भारतीय कार बाजार में सकारात्मक प्रभाव पड़ने की उम्मीद है। इससे अन्य कंपनियों पर भी दबाव बढ़ेगा कि वे भी अपनी कारों में अधिक से अधिक सुरक्षा फीचर्स दें। इससे भारतीय बाजार में कारों की सुरक्षा के स्तर में और सुधार होने की उम्मीद है।
इसके अलावा, हुंडई के इस फैसले से कार खरीदारों के बीच जागरूकता बढ़ेगी और वे सुरक्षा फीचर्स वाली कारों को प्राथमिकता देना शुरू करेंगे। इससे कार कंपनियों को अपनी कारों में सुरक्षा फीचर्स देने के लिए प्रोत्साहन मिलेगा।
सरकार की भूमिका
सरकार भी भारतीय सड़कों पर कारों की सुरक्षा को बढ़ाने के लिए भूमिका निभा सकती है। सरकार कारों में सुरक्षा फीचर्स को अनिवार्य बना सकती है और सड़क सुरक्षा मानकों को और कड़ा कर सकती है। इसके अलावा, सरकार सड़क यातायात नियमों को सख्ती से लागू करवा सकती है और सड़क सुरक्षा के बारे में जागरूकता बढ़ा सकती है।
भारतीय कार बाजार में 6 एयरबैग्स वाली कारों की उपलब्धता
हुंडई के इस फैसले के बाद भारतीय कार बाजार में 6 एयरबैग्स वाली कारों की उपलब्धता बढ़ेगी। पहले से ही कई कार कंपनियां अपनी कारों में 6 एयरबैग्स का विकल्प दे रही हैं। हुंडई के फैसले के बाद अन्य कंपनियां भी अपनी कारों में 6 एयरबैग्स को स्टैंडर्ड बनाने की संभावना है।
इससे भारतीय कार खरीदारों के पास अधिक विकल्प होंगे और वे अपनी सुरक्षा के हिसाब से कार का चयन कर सकेंगे।
उपभोक्ताओं को क्या करना चाहिए
कार खरीदते समय उपभोक्ताओं को सुरक्षा फीचर्स को प्राथमिकता देनी चाहिए। उन्हें 6 एयरबैग्स, ABS, EBD, और ESC जैसे सुरक्षा फीचर्स वाली कारों को खरीदना चाहिए।
इसके अलावा, उपभोक्ताओं को कार खरीदने से पहले अच्छी तरह से रिसर्च करनी चाहिए और अलग-अलग कारों के सुरक्षा रेटिंग्स की तुलना करनी चाहिए। इससे उन्हें बेहतर विकल्प बनाने में मदद मिलेगी।
निष्कर्ष
हुंडई का यह फैसला भारतीय कार बाजार में एक स्वागत योग्य कदम है। इससे भारतीय सड़कों पर कारों की सुरक्षा के स्तर में सुधार होने की उम्मीद है। सरकार भी इस दिशा में काम करके अपनी भूमिका निभा सकती है।