ऑप्शन ट्रेडिंग शेयर बाजार में बिना शेयर खरीदे भी पैसा कमाने का एक शानदार तरीका है। जानिए ऑप्शन ट्रेडिंग क्या है और कैसे करें शुरू।
ऑप्शन ट्रेडिंग एक प्रकार का डेरिवेटिव ट्रेडिंग है जिसमें एक खरीदार या विक्रेता किसी अंतर्निहित संपत्ति को एक निश्चित मूल्य पर खरीदने या बेचने के लिए सहमत होता है। ऑप्शन अनुबंधों को आमतौर पर कॉल और पुट ऑप्शन के रूप में वर्गीकृत किया जाता है।
कॉल ऑप्शन खरीदार को एक निश्चित मूल्य (स्ट्राइक मूल्य) पर एक अंतर्निहित संपत्ति खरीदने का अधिकार देता है। विक्रेता को खरीदार को संपत्ति बेचने का दायित्व होता है, अगर खरीदार चाहता है।
पुट ऑप्शन खरीदार को एक निश्चित मूल्य (स्ट्राइक मूल्य) पर एक अंतर्निहित संपत्ति बेचने का अधिकार देता है। विक्रेता को खरीदार को संपत्ति खरीदने का दायित्व होता है, अगर खरीदार चाहता है।
ऑप्शन ट्रेडिंग कैसे करें?
ऑप्शन ट्रेडिंग शुरू करने के लिए, आपको एक ट्रेडिंग खाता खोलने की आवश्यकता है जो ऑप्शन ट्रेडिंग की अनुमति देता है। भारत में, आप किसी ब्रोकर के साथ एक डीमैट खाता खोल सकते हैं जो ऑप्शन ट्रेडिंग की पेशकश करता है।
एक बार आपके पास एक ट्रेडिंग खाता हो जाने के बाद, आप कॉल और पुट ऑप्शन खरीद या बेच सकते हैं। आप अपने ट्रेडिंग प्लेटफॉर्म का उपयोग करके ऑप्शन अनुबंधों को खोज और खरीद सकते हैं।
ऑप्शन ट्रेडिंग में दो प्रकार के ऑर्डर होते हैं:
- लीगैसी ऑर्डर: ये ऑर्डर पारंपरिक ऑर्डर हैं जो बाजार में मूल्य के आधार पर निष्पादित होते हैं।
- जिप्सी ऑर्डर: ये ऑर्डर एक निश्चित मूल्य पर निष्पादित होते हैं, भले ही बाजार उस मूल्य से ऊपर या नीचे हो।
ऑप्शन ट्रेडिंग के लाभ
ऑप्शन ट्रेडिंग के कई लाभ हैं, जिनमें शामिल हैं:
- लचीलापन: ऑप्शन ट्रेडर्स को अंतर्निहित संपत्ति की कीमत में उतार-चढ़ाव का लाभ उठाने के लिए कई अलग-अलग रणनीतियों का उपयोग करने की अनुमति है।
- शॉर्ट सेलिंग की क्षमता: ऑप्शन ट्रेडर्स अंतर्निहित संपत्ति की कीमत में गिरावट का लाभ उठाने के लिए शॉर्ट सेलिंग कर सकते हैं।
- कम जोखिम: ऑप्शन ट्रेडिंग स्टॉक ट्रेडिंग की तुलना में कम जोखिम भरा हो सकता है क्योंकि खरीदारों को केवल प्रीमियम का भुगतान करना होता है।
ऑप्शन ट्रेडिंग के जोखिम
ऑप्शन ट्रेडिंग में कुछ जोखिम भी शामिल हैं, जिनमें शामिल हैं:
- प्रीमियम का नुकसान: अगर ऑप्शन अनुबंध निष्पादित नहीं होता है, तो खरीदार प्रीमियम खो देगा।
- अंतर्निहित संपत्ति की कीमत में परिवर्तन: अगर अंतर्निहित संपत्ति की कीमत अनुमान से अधिक या कम होती है, तो ट्रेडर को नुकसान हो सकता है।
- समय का मूल्य: ऑप्शन अनुबंधों की समय के साथ वैधता समाप्त हो जाती है। अगर ऑप्शन अनुबंध निष्पादित नहीं होता है, तो खरीदार प्रीमियम खो देगा।
ऑप्शन ट्रेडिंग के लिए सलाह
ऑप्शन ट्रेडिंग एक जटिल विषय है और इसमें जोखिम शामिल है। ऑप्शन ट्रेडिंग शुरू करने से पहले, आपको पर्याप्त शोध करना और अपने जोखिम सहनशीलता को समझना चाहिए।
यहां कुछ अतिरिक्त सलाह दी गई है जो ऑप्शन ट्रेडिंग में सफल होने में आपकी मदद कर सकती है:
- एक ठोस ट्रेडिंग रणनीति विकसित करें: यह सुनिश्चित करने में मदद करेगा कि आपके पास ऑप्शन अनुबंध खरीदने या बेचने से पहले एक स्पष्ट योजना है।
- अपने जोखिम को प्रबंधित करें: अपने जोखिम सहनशीलता को समझें और अपने जोखिम को नियंत्रित करने के लिए स्टॉप-लॉस ऑर्डर का उपयोग करें।
- नियमित रूप से प्रशिक्षण लें: बाजार और ट्रेडिंग तकनीकों के बारे में अपनी समझ को बढ़ाने के लिए नियमित रूप से प्रशिक्षण लें।
ऑप्शन ट्रेडिंग एक जटिल विषय है, और इसमें हमेशा सीखने के लिए कुछ नया होता है। नियमित रूप से प्रशिक्षण लेने से आपको अपनी ट्रेडिंग स्किल्स में सुधार करने और ऑप्शन ट्रेडिंग में अधिक सफल होने में मदद मिलेगी।
यहां कुछ तरीके हैं जिनसे आप ऑप्शन ट्रेडिंग के बारे में अधिक जान सकते हैं:
- ऑनलाइन कोर्स करें
- किताबें और लेख पढ़ें
- अनुभवी ऑप्शन ट्रेडर्स से सलाह लें
- डेमो ट्रेडिंग खाते का उपयोग करें
आप जितना अधिक ऑप्शन ट्रेडिंग के बारे में जानेंगे, उतना ही अधिक सफल होने की संभावना होगी।
उम्मीद है कि यह लेख आपको ऑप्शन ट्रेडिंग क्या है और कैसे करें, इसे समझने में मददगार रहा है।