नई दिल्ली | सुशांत सिंह राजपूत केस (Sushant Singh Rajput case) में लगभग 4 महीने बीत चुके हैं लेकिन अभी तक कोई निर्णय सामने नहीं आया है। वहीं एम्स की रिपोर्ट और उसपर सीबीआई (CBI) की सहमति ने सुशांत के फैंस को मायूस कर दिया है। गौरतलब हो कि एम्स की रिपोर्ट में सुशांत की मौत को साफतौर पर आत्महत्या बताया गया है। मर्डर की थ्यौरी से इंकार किया गया है। जिसे लेकर सुशांत का परिवार लगातार आवाज उठा रहा है। वहीं अब शेखर सुमन (Shekhar Suman) ने एक बार फिर ट्वीट करते हुए नाराजगी जताई है। सुशांत केस पिछले एक महीने में एक अलग दिशा की तरफ दिखाई दिया है। जिसे लेकर शेखर ने तंज कसा है।
सुशांत केस में ड्रग एंगल (drug angle) सामने आने के बाद पूरी दिशा बदल गई। हाल ही में रिया चक्रवर्ती को भी जमानत दे गई है और कोर्ट ने साफ किया है कि वो ड्रग सिंडिकेट में नहीं शामिल थी। ईडी ने मनी लॉन्ड्रिंग मामले में सुशांत के बैंक अकाउंट्स में कोई गड़बड़ी नहीं पाई जाने की बात कही है। ऐसे में शेखर सुमन ने अपने ट्विटर पर ट्वीट (Shekhar Suman tweet) करते हुए लिखा- सुशांत केस की गला दबाकर हत्या कर दी गई, दम घुटा? या ऐसे फिक्स किया गया? जाहिर है शेखर ने अपने ट्वीट से इशारा किया है कि सुशांत केस के सच को दबाया गया है। तो ऐसे में सभी के ये बेहद हैरानी वाली बात है कि क्या इस केस को वाकई में फिक्स किया गया है?
Sushant’s case has been strangulated to death.Asphyxia?or Aise fix kiya?
— Shekhar Suman (@shekharsuman7) October 10, 2020
शेखर ने इसके अलावा भी कई ट्वीट्स किए हैं। उन्होंने मीडिया पर तंज कसते हुए लिखा- एक बात तो समझ में आ गई कि हमारी भावनाओं का कोई मोल नहीं है। हम सिर्फ कठपुतलियां हैं। मीडिया हमें जैसे चाहता है हम वैसे ही नाचते हैं। मीडिया अपने मतलब और एजेंडा के तहत जो उनके पोलिटिकल मास्टर्स का आदेश होता है वैसे ही अपनी TRP के लिए चीजें घुमाती रहती है।
बता दें कि सुशांत सिंह राजपूत के पारिवारिक वकील विकास सिंह ने हाल ही में एम्स के डॉक्टरों की नई टीम गठन की मांग की है। उन्होंने कहा था कि अगर सीबीआई ऐसा नहीं करती है तो वो कोर्ट में जाएंगे।
एक बात तो समझ में आ गई कि हमारी भावनाओं का कोई मोल नहीं है.हम सिर्फ कठपुतलियां हैं.मीडिया हमें जैसे चाहता है हम वैसे ही नाचते हैं.मीडिया अपने मतलब और एजेंडा के तहत जो उनके पोलिटिकल मास्टर्स का आदेश
— Shekhar Suman (@shekharsuman7) October 11, 2020
होता है वैसे ही चीजें घुमाती रहती है अपनी TRP के लिये.आख़िर मेँ जनता के हाथ में सिर्फ एक झुनझुना पकड़ा दिया जाता है.यही सत्य है और इसको मान लेने में ही समझदारी है.हमें अपनी लड़ाई ख़ुद लड़नी
पड़ेगी ।— Shekhar Suman (@shekharsuman7) October 11, 2020